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विषय-प्रेम रंग जिन्दगी का, न घोल इसमे पानी प्रेम रंगों मे हे श्रेष्ठ रंग घोलो ना इसमे पानी प्रेम हे निर्मल भाव प्रेम हे निच्छल जल समान ना समझे वो हे ...