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ए हसीन लम्हा गुजारा जो पल था याद न रहा अपनी गलतियां तुमको मुझे दगा बाज कह खुद को मुरझाए फूलों सा सींच लिया कांटो सा चुभ गई मैं ,तुमने ऐसे ...