गीत(16/14) भरें पंख में ऐसी ऊर्जा, छू पाए जो अंबर को। करें प्रज्ज्वलित दिव्य ज्योति जो, रखे प्रकाशित अंदर को।। अनुशासन-नियमन से रहता, जीवन में उत्साह सदा। उत्साहित जीवन भी पथ ...

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