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कविता ःपनाह ~~~~~~~~~ तुम्हारे इश्क में कत्लेआम हो गए दिल में तुमसजगह मांगी थी तुम्हारे कदमों में फनां हो गए अब पनाह दो मुझे अपनी दुआओं में मेरा रुह तुमसे दुआएँ ...