लेखनी प्रतियोगिता -28-Dec-2022

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नादान नादान है ये दिल करता है नादानियाँ, गुमसुम सा रहता है न जाने क्या हैं परेशानियाँ! कभी खिलता है कलियों सा,कभी मुरझा सा जाता है, कभी बरसे है बादल सा, ...

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