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कविता ःआवाज गुम है ★★★★★★★★★★ कोयल की मीठी आवाज जिससे होती थी कभी हमारी सुबह गौरय्यों के चहचहाने का शोर कितनी मधुर संगीत देती थी हमारे घर के सामने बंधे वो ...