1 Part
272 times read
20 Liked
यूं ही तो नहीं जुड़ते ये नेह के बंधन स्नेह के बंधन जब मुश्किलों के वक्त कोई हाथ बढ़ा दे घनघोर अंधेरों में जैसे दीप जला दे क्या रूप उसका देखें ...