लेखनी प्रतियोगिता -फर्ज

1 Part

560 times read

22 Liked

कल तलक़ जो दिन और रात मेरे साथ थे उन्हीं रिश्तों में कोई बोझ अंजान हुई हूँ.. भूल गए हैं जब से वो अपने फर्ज को गुजरे हुए वक़्त का आज निशान ...

×