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दिनांक- 30-12-22 विषय-निराशा का अंधकार मिटाकर विधा-कविता आशा की लो दिल मे जलती ऱख तू रहे वो लो अविरत एवं शाश्वत अंधेरा मिटाकर रखो प्राणों की ज्योत ज्वलंत निराशा ...