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नववर्ष तुम्हारा स्वागत है नववर्ष तुम्हारा स्वागत है आओ नूतन निर्माण करो कोहरे के चादर लिपटी है शीतलहर का कहर बरसा दीन-दुखी जो विकल हुए उनका जीवन उत्कर्ष करो घनघोर अंधेरे ...