कल्पना

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कविता नहीं मात्र कल्पना, भाव गहन गहराई है। भाव-सिंधु में  कवि-मन डूबे- यह मोती उतिराई है।। जीवन का हर रंग घुला जब, मिला ढंग हर सुख-दुख का। सुबह-शाम पंछी का कलरव, ...

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