खुद्दारी पे आँच आने न पाए!

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खुद्दारी पे आँच आने न पाए!        दीमाग  पर   अंधेरा  जमने  न  पाए,    यादों का मेला  ओझल होने न पाए।   ख्वाहिशों  का  कोई अंत  नहीं भाई,     माता-पिता ...

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