लेखनी कहानी - हिसाब या बेहिसाब?

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हिसाब या बेहिसाब?? अनंत प्रेम, जिसे किसी भी तराजू पर जिसे तौल ना जाके, कसौटियों पर जिसकी शुद्धता को आंका ना जा सके, प्रेम और विरह के बीच जिसको पहचाना ना ...

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