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🌹🌹🌹*ग़ज़ल* 🌹🌹🌹 मुह़ब्बत के फूलों से इसको सजाएँ। वतन को चलो अपने जन्नत बनाएँ। किसी के भी आँसू छलकने न पाएँ। हर इक ग़मज़दा को चलो हम हँसाएँ। थकन हमको होगी ...