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अब तो आ जाओ कहीं से तुम बादल की तरह, इन्तज़ार तो है तुम्हारा ख़ुदा के फ़ज़ल की तरह। अबतक घनघोर अंधकार रहा मेरी ज़िन्दगी में, कब करोगी रौशन मेरा ये ...