1 Part
317 times read
23 Liked
जो जिया सौ बार सोच कर जिया, फिर क्यों हर बार हार का विष पिया। ना दिल तोड़ा सिर्फ जोड़ा, मां पिता ईश्वर से प्रेम का नाता नहीं था, थोड़ा। फिर ...