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(ॐ स सूर्याय नम : !) कनक बदन धारे प्रभु आबतु ! चहुँदिशि घेरे बिकटु अँधेरो , निकरि अँजोरु दिखाबतु ।। भक्ति भाउ भरि अर्घ चढ़त नितु , सबहिं दिनेसु मनाबतु ...