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दैनिक काव्य प्रतियोगिता वास्ते ग़ज़ल ( मुझे याद करना ) तन्हाइयों मे घिर भी जाओ जो कभी तुम,मुझे याद करना, उलझनो से होश भी खोने लगो जो कभी तुम,मुझे याद करना। ...