लेखनी-कविता - मेरी डायरी- विजय पोखरणा "यस"11-Jan-2023

1 Part

346 times read

11 Liked

📙📘📗मेरी डायरी📗📘📙 📖📖📖📖📖📖📖📖📖 मैं अनमोल हूं बोल नही सकती लेकिन बहुत बोल छुपा रक्खे हैं दिन भर का रोजनामचा छुपा रक्खा हैं  पुरानी यादों को सहेजे हैं दुःख सुख सभी भरे ...

×