आओ!दीप जलाएँ

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आओ!दीप जलाएँ अंधेरी गलियों में मिलकर,आओ!दीप जलाएँ, दकियानूसी सोच त्यागकर,दुनिया नई बसाएँ।।                    आओ!दीप जलाएँ।। मद-घमंड-ईर्ष्या का पसरा,चारो तरफ अँधेरा, जन-जन में है ...

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