सोचता हूं...

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सोचता हूं अपने दिल को आवारा कर लूं उसे भुलाकर इश्क किसी से दुबारा कर लूं चांद नही है अपनी तकदीर में तो क्या दिए की रोशनी से अपना गुजारा कर ...

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