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गीत-✍️उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट आज यहाँ निर्धन का भोजन, छीन रहा धनवान है हड़प रहा क्यों राशन उनका, यह कैसा इंसान है। 💐💐 हमने देखा नंगे भूखे, राशन कार्ड बिना रहते हैं ...