कैसी अजब ज़िन्दगी की पहली है

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कई दिन और रातें फ़ाके में कटी, कभी-कभी मुफ़लिसी भी झेली है। हँसी ख़ुशी मान-सम्मान और अपमान, ये कैसी अजब ज़िन्दगी की पहली है।। ...

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