1 Part
359 times read
13 Liked
कई दिन और रातें फ़ाके में कटी, कभी-कभी मुफ़लिसी भी झेली है। हँसी ख़ुशी मान-सम्मान और अपमान, ये कैसी अजब ज़िन्दगी की पहली है।। ...