1 Part
123 times read
4 Liked
जून की तपती दोपहरी में बाज़ार की तमाम दुकानें बंद थीं। कुछेक दुकानों के सटर आधे गिरे हुए थे। जिनके भीतर दुकानदार आराम कर रहे थे। एक व्यक्ति प्यासा भटक रहा ...