कागज़ की कश्ती

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कागज की कश्ती में मन बैठ कर बह जाए रे  अश्को की धारा भी अब इनमें  मिल जाये रे इन बूंदों में हम भी बहक जाए रे छोड़ कर सारे गीले ...

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