लेखनी कविता-20-Jan-2023

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जय भोलेनाथ भंडारी शिव हैं  जय भोलेनाथ भंडारी.. अंग भस्म रमाए हैं,  मृगशाला तन पर मारी  जय भोले भंडारी शिव हैं... शीश गंगा समाए है गले मुण्डमाल है न्यारी जय भोले ...

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