मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा

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"मोहन जी," ठीक मेरे पीछे से पुकारे गए किसी स्त्री स्वर ने मेरी तंद्रा भंग की। मैं पनवाड़ी की दुकान पर खड़ा सिगरेट सुलगाने मे व्यस्त था। मैं हैरान था! क्योंकि ...

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