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ज़िन्दगी चल ही रही थी रहनुमाई मे ज़ालिम ने आग लगा दी मेरी जुदाई मे वो धीरे धीरे उतर गई दिल की गहराई मे दिल मेरा तरसता रहा गया उसकी तन्हाई ...