तन्हाई

1 Part

233 times read

6 Liked

ज़िन्दगी चल ही रही थी रहनुमाई मे  ज़ालिम ने आग लगा दी मेरी जुदाई मे  वो धीरे धीरे उतर गई दिल की गहराई मे  दिल मेरा तरसता रहा गया उसकी तन्हाई ...

×