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शीर्षक-तुझ से बसी थी दुनिया विधा-गीत तुझसे ही बसी थी दुनिया.. सब कुछ है अब उजड़ा.. और तुम.. हंसने की बातें करती हो..... ऑंख में बहती धारा, दिल में है जख्म ...