1 Part
271 times read
15 Liked
तारे गिन गिन के महज़,तारों में चमक नहीं आती सोए हुए के दर पे तो कभी, किस्मत नहीं आती। क्या बैठे हो , हाथों को लकीरों के भरोसे यह लकीरें भी ...