एक रुबाइ

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नफ़ासत  से  वह तो चली जा रही थी,  महक  गेसूओं  की  चली  आ रही थी !  हंसी वो हंसी इस तरह खिलखिलाकर,  कि दिल में किसी के बसी जा रही थी!!  ...

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