दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय प्रियतम

1 Part

236 times read

12 Liked

प्रियतम ..!! प्रियतम ! आपके मौन में भी मैं शब्द ढूंढ लेता हूं ..!! आपकी अनकही हर वेदना का मर्म जान लेता हूं .!! कितनी व्यथा स्वयं में यूं ही समेट ...

×