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रेत की तरह फिसलती ज़िन्दगी खामोशियाँ को इख़्तियार करती ज़िन्दगी रेत के ढेर पर घरोंदो को ढाती ज़िन्दगी अंखियो से बरसात बहती ज़िन्दगी हर गमो सितम को सेहती ज़िन्दगी राहों मे ...