गहराई

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किनारे पर खड़े होकर मैं सागर की गहराई नापता हूँ मुझे तुझसे कितनी मोहब्बत है मैं ये देखता हूँ।। लहरों को आते जाते देखता हूँ मैं भी तेरी यादों के झरोखों ...

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