लेखनी कविता -24-Jan-2023

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*नदी किनारे* वाह!कितनाअनुपम दृश्य नदी किनारे । नैना तरसे प्रिय आ जाओ पास हमारे ।। गंगा की कलकल करती धार बहे। मन में पिया मिलन की रस धार बहे।। किनारे दूर ...

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