1 Part
257 times read
10 Liked
वो वक्त और था कभी चाहा था तुमको हमने भी टूटकर अनजानी राह चुन ली तुमको जानकर आज खुद को समेटा है मनके की तरह तुम्हारे इरादे जान सम्हाला है बिखरकर ...