लेखनी प्रतियोगिता -25-Jan-2023दैनिक काव्य प्रतियोगिता

1 Part

257 times read

10 Liked

वो वक्त और था कभी चाहा था तुमको हमने भी टूटकर अनजानी राह चुन ली तुमको जानकर आज खुद को समेटा है मनके की तरह तुम्हारे इरादे जान सम्हाला है बिखरकर ...

×