वो खामोशी अंतर्मन की आवाज ही तो सुन रहे हैं इसीलिए अंतर्द्वंद्व से जूझ रहे हैं क्या सही क्या गलत समझना मुश्किल इधर जाएं या उधर, हर रोज यही कश्मकश एक ...

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