मेरी परछाई

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आज तो मुझसे मेरी ही परछाई सवाल करती है  क्यों तू इस दर्द मैं दिन रात जीती है होती नहीं इस ज़िन्दगी में सभी की ख़्वाहिशये पूरी मिलती नहीं है हर ...

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