चराग- ए -मोहब्बत!

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चराग- ए -मोहब्बत!  चराग-ए-मोहब्बत जलाने चला हूँ, नई जिन्दगी अब बसाने चला हूँ। जुल्फों को बाँध ले तू ऐ! महजबी, मौसम-ए-बहार मैं लाने चला हूँ। आशिकी के अंदर बसता है मौसम, ...

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