Madhu varma

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लेखनी कहानी - सुगंधा सुगंध जिंदगी की

सुगंधा सुगंध जिंदगी की



कानपुर में पली बढ़ी थी  सुगंधा अवस्थी उसके परिवार में माँ पापा और एक भाई था बहुत ही सभ्य परिवार था समाज मे उनके परिवार का नाम इज़्ज़त से लिया जाता था जो बात एक बार बोल दी वो पत्थर की लकीर होती थी किसी की भी हिम्मत नही होती थी उनके फैसले का विरोध करने का ! 
पापा का अपना व्यवसाय था जो बहुत ही अच्छा चलता था उन पर माँ लक्ष्मी जी की असीम कृपा रहती थी ! 

दोनो बच्चे अच्छे कॉलिज में पढ़ते थे सुगंधा डॉक्टरी की तैयारी कर रही थी और सूरज सॉफ्टवेयर की 

सभी का जीवन खुशी से बीत रहा था पर अचानक से सुगंधा की जिंदगी ने ऐसी करवट ली की सभी की ज़िंदगी बिखर कर रह गयी ! 

ऐसा क्या हुआ उन सब की ज़िंदगी मे किस की बुरी नजर लग गयी उन सब की हँसती खेलती ज़िंदगी को दिल को दहला देने वाली कहानी पढे लेखनी पर मेरे साथ 

आपकी मधु वर्मा

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6 Comments

Arti khamborkar

19-Dec-2024 04:06 PM

v nice

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HARSHADA GOSAVI

03-Jul-2023 03:20 PM

v nice

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madhura

27-May-2023 11:16 AM

nice

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