रवैय्या
सुहानी भाभी आज रितु से मिलने आ रही है बड़े दिनों के बाद
तभी डोरबेल बजती है आइए भाभी बड़े दिनों बाद आना हुआ आपका।
अपने क्षेत्र से फुर्सत नहीं मिलती आज पूरा दिन छुट्टी का है इसलिए सोचा तुम से मिल लूं।
क्या बात है भाभी जी आज कल तो आप राजनीति में बहुत व्यस्त हो गई, कैसा मिल रहा हैं आपके क्षेत्र में आपको रिस्पांस।
लोगों के मसले को समझ कर उन्हें आश्वासन देकर काम को समय पर करवा लिया जाए तो लोग रिस्पांस करना शुरू कर देते हैं और मैं अपने पक्ष को तथ्यों के साथ रखती हूं तो वह इंप्रेस भी हो जाते हैं...
कि हमें तो आपके जैसे ही नेता चाहिए
मतलब आने वाले समय में इस जिले में आपका योगदान सराहनीय होने वाला हैं।
क्षेत्रवासियों का दुलार मिलता रहा तो जरूर....
और सैलरी....?
सैलरी उतनी रहती नहीं पर थोड़ा थोड़ा तो सबको मिलता हैं ना।
मैं तो कहती हूं काम भी करो और.... तब थोड़ा लेने में भी कोई हर्ज नहीं ।
आज तो आपका इंटरव्यू ही ले लिया मैंने ।
सेवई बना कर रखा है मैनें आपके लिए लेकर आती हूं।
हां थोड़ी ही लाना, प्रतिनिधि और कार्यकर्ताओं के लिए आज डैम साइड पर वार्षिक मिलन का आयोजन किया है वहां पर जाना है कुछ ही देर में ।
बहुत अच्छी बनी है सेवई ,,,यह तो बिल्कुल मेरे हाथ की बनी लग रही है इसलिए मैंने सारा खत्म कर लिया।
चाय या ठंडा क्या लेंगी आप
कुछ नहीं... बैठो बातें करते हैं ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलता
चाय लेकर आती हूं फिर बातें करते हैं भाभी जी.....
चाय लीजिए भाभी जी।
मासी जी कैसी हैं मौसा जी के जाने के बाद।
अच्छी है ज्यादा दिन की छुट्टी पर नहीं रह सकती है ना आखिर वे सांसद जो ठहरी।
थोड़ी देर चुप रहकर...
मेरी बचपन की सहेली छोटी उम्र में ही अकेली रह गई घर पर सास ससुर है तो थोड़ा बंधन भी है उम्र 30 के आसपास होगी पति फ़ौज में थे अब नहीं रहे उसको बड़े दिनों बाद जब मैंने देखा मुझे नहीं पता था कि उसका मांग सूना हो गया है।
उसको जब देखा बिल्कुल अलग ही लग रही थी जो हमेशा मुस्कुराते हुए मिलती थी, वह बहुत ही उदास लग रही थी पर मुझे देख मुस्कुरा उठी ।
मुझे पता था कि वह उस गांव में रहती हैं अचानक एक दिन दौरे पर उससे मुलाकात हुई ।
उसके माथे पर तो एक बिंदी भी नहीं थी सफेद साड़ी पहने हुई इतनी कम उम्र में ही यह सब पालन करवाया जा रहा है उससे।
उम्र के इस दहलीज पर एक यौवना के मन में कितने सुखद सपने खिल रहे होते हैं, सजना संवरना तो हर वर्ग को बहुत ही भाता है बच्ची से लेकर बुजुर्ग तक सभी को। खिलने से पहले ही मुरझा गया उसका जीवन।
जबकि आजकल आधुनिकता की आड़ मे उम्र दराज( जिनके पति नही रहे) वे लोग भी काली बिंदी लगाकर रखने लगे हैं, रंगीन वस्त्र भी पहना जा रहा है उनको क्यों नहीं कहा जाता पालन करने के लिए और उससे यह सब करवाया जा रहा हैं बहुत दुख हुआ कि उसके साथ यह सब हुआ।
सच कहा भाभी आपने इतना लंबा जीवन व्यतीत करना कितना मुश्किल हो जाता होगा विधवा विवाह के लिए आप जरूर कुछ कीजिएगा आने वाले समय में। जब सब कुछ इतना बदल चुका है जमाने के साथ तब विधवा विवाह के पुनर्वास के लिए भी सोचना सामाजिक जिम्मेदारी हो जाती है।
और कोई करना भी चाहिए तो बहुत सारे नियम,आशंकाओ की आड़ में पुनर्विवाह करना मुश्किल ही लगता है।
बिल्कुल ,मैंने यह सोच रखा है आने वाले समय में इस पर मैं जरूर काम करूंगी ताकि उनका भी जीवन सुखमय हो सके जिनकी जिंदगी कम उम्र में ही बेरंग हो गई है।
परिवार ,समाज ने आखिर क्यों अपना रखा है ऐसे दोगलापन से भरा .....रवैय्या।
तभी फोन की घंटी बजी, प्रतिनिधि का फोन है चलो मैं जाती हूं आज प्रकृति की बीच में जाकर सुकून की जिंदगी भी जी लेती हूं बाय।
बाय भाभी जी........
Miss Lipsa
29-Sep-2021 05:53 PM
Wow nice
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Nitish bhardwaj
18-Sep-2021 08:52 PM
आपकी सोच बहुत अच्छी है और विषय आपने रखा वो बहुत ही लाजवाब है पर कहानी बीच में कुछ भागती सी लग रही है मेम कोन किसके विषय में बात कर रहा है ये भी समझ नही आरा था ऐसा मुझे लगा बाकी आपने लिखी है आपको ज्यादा पता होगा
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Rajeshwari thakur
19-Sep-2021 09:57 AM
यहां पर ननंद और भाभी एक दूसरे से बैठकर बातें कर रहे हैं भाभी जी अपनी एक पुरानी सखी की दुख भरी दास्तां को कह रही है जिनकी सखी का कम उम्र में ही मांग सुना हो चुका है वह सोच रही है कि अब वह सारी जिंदगी कैसे काटेगी उस इंसान पर बहुत सारी बंदिशे भी हो जाती हैं और इस दहलीज पर अपनी भावनाओं और शौक पर पूर्णविराम लगाना पढ़ता हैं। क्योंकि वह एक विधवा है उनके उत्थान के लिए ही आपस में बातचीत हो रही है। यहां पर यह भी बताने की कोशिश की जा रही है कि किसी को ऐसी स्थिति में छूट भी मिल जाती है जो अपना जीवन पूर्ण रूप से जी चुके है और कुछ को मन मार कर अपनी ख्वाहिशों रौंदना भी पड़ता है जिनके जीवन की शुरुआत हो रही है और जिनके पास जीने के लिए कारण भी हैं समीक्षा के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया ,आभार आपको 🙏🏻💐💐💐
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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
18-Sep-2021 07:55 PM
Wah
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Rajeshwari thakur
19-Sep-2021 09:58 AM
Thanku very much 💐💐💐
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