Madhu varma

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लेखनी कहानी - महाभारत और रामायण की कुछ लघु कथाएँ

बब्रुवाहन की कहानी



बब्रुवाहन महाभारत में अर्जुन के मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा से जन्मे पुत्र थे | बब्रुवाहन को उनके नाना ने अपने बेटे की तरह गोद ले लिया था | वह अपने महल में धन दौलत के साथ राज करता था | जब बाद में उसे मालूम पड़ा की अर्जुन उसक पिता है और वह अपने पिता से मिला तो उनको पहचान न पाया | जब अर्जुन मणिपुर अश्वमेध का घोडा ले कर पहुंचे तो अर्जुन और बभ्रुवाहन के बीच झगडा हो गया जिसके फलस्वरूप बब्रुवाहन ने उन पर  तीर से वार कर मार दिया | अपनी गलती के पछतावे में वह अपनी जान लेने वाला था की अपनी सौतेली माँ उलूपी से उसने एक हीरा प्राप्त किया जिस से उसने अपने पिता को फिर से जिंदा कर लिया | वह अपने पिता के साथ हस्तिनापुर लौट आया | ये उस श्राप का नतीजा था जो वसुओं ने अर्जुन को महाभारत में भीष्म का क़त्ल करने के लिए दिया था |

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