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उस आईने में भाग : 1

साहिल अचानक से चिल्लाता है और पूछता है - "कौन - कौन है वहां?" 


तभी अचानक से उस की आंख खुल जाती है और वह अपने बिस्तर पर उठ कर बैठता है; और अपने माथे का पसीना पोंछते हुए साहिल खुद से ही बोलता है - "फिर से वही धुंधली तस्वीर! आखिर कौन है? जो मुझे बार-बार सपने में दिखाएं देता है। वह बड़ा सा शीशा और उस में दिखती हुई काली परछाईं आखिर किस की है और वह क्यों मुझे बार-बार दिखती है मेरा उस के साथ क्या संबंध है? या वह मुझ से क्या चाहती है, और इस सपने का क्या मतलब है, जो हर बार रोज-रोज मुझे वही सपना आता है ।आखिर ऐसा मेरे साथ क्यों हो रहा है।"

 साहिल अपने में ही बड़बड़ाता हुए परेशान हो कर बोलरह होता है, तभी वह घड़ी की तरफ देखता है ,सुबह के 5:00 बज रहे होते हैं वह अब वापस सोना नहीं चाहता इसलिए अपने बिस्तर से उठ कर वह फ्रेश होने के लिए वॉशरूम जाता है और वहां पर मुंह धो कर जैसे ही टावल से अपना मुंह पूछता है। अचानक से उसे शीशे में वही काली परछाई दिखती है ,जो उसे कुछ देर पहले अपने सपने में दिखाई दी थी ।सहिल बहुत ही डर जाता है ,और भागता हुआ वाशरुम से बाहर निकलता है। सोचने लगता है ,यह क्या हो रहा है मेरे साथ कहीं यह मेरा कोई वहम तो नहीं।

साहिल अपने आप को समझाता है और बोलता है कि यह मेरा वहम भी है। और वह हिम्मत जुटा कर फिर से वॉशरूम जाता है ।और फिर से उसी आईने में देखता है इस बार उसे कुछ भी नहीं दिखता। सब नॉर्मल लगता है तो वह वाशरूम से बाहर निकल कर तैयार हो कर जोगिंग के लिए निकल जाता है ।

(साहिल एक छोटे से गांव से दिल्ली में पढ़ने के लिए आया है, और वो नॉर्मल मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करता है । साहिल अपनी फैमिली में सब से बड़ा है, साहिल की फैमिली छोटी ही है। साहिल के अलावा उसकी छोटी बहन और मां पापा ही रहते हैं ।साहिल दिल्ली में एक पेइंग गेस्ट के रूप में रहता है। साहिल का मकान मालिक एक आदमी है ,जिनकी वाइफ काफी साल पहले एक्सपायर हो चुकी हैं। और वह अकेले ही अपने घर में रहता है। उस ने उसी घर में साहिल को एक रूम दे दिया है, साहिल के मकान मालिक वैसे तो ठीक-ठाक ही‌‌ लगते हैं ।लेकिन रात को शराब पीना यह उनकी एक गंदी आदतों में शामिल है। साहिल को मजबूरी में इस रूम में रहना पड़ रहा। क्योंकि दिल्ली में वो किसी को जानता नहीं था ,और उस के बजट में यही रूम उसे मिल पाया। और साहिल शहर में ज्यादा कहीं इधर-उधर नहीं जाता। बस कॉलेज से पढ़कर अपने रूम में ही रहता इसी वजह से साहिल के ज्यादा दोस्त भी नहीं थे । कॉलेज में ही बस वह एक दो लोगों से ही बोलता था ,साहिल पढ़ने में काफी अच्छा है ।और वह पढ़ लिख कर एक अच्छा सक्सेसफुल आदमी बनना चाहता है।)

अगली सुबह साहिल जोगिंग करते हुए यही सोचता जा रहा था कि आज उस के साथ सुबह वॉशरूम में जो हुआ, उस का क्या मतलब है? वह समझ नहीं पा रहा था, कि उस के साथ क्या हो रहा है। और वह इसी बात से काफी परेशान भी था। साहिल जोगिंग से वापस आता है ,और ब्रेकफास्ट कर के कॉलेज के लिए निकल जाता है लेकिन आज कॉलेज मैं साहिल का पढ़ने में मन ही नहीं लग रहा होता है। वह उसी सोच में डूबा रहता है वह सोचता है, कि यह सपना मुझे कई बार आया जब से मैं दिल्ली आया हूं। लेकिन इस बार मुझे इस तरह अचानक उस आईने में काला साया दिखना बहुत ही अजीब सी बात लग रही है ,और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा; वह सोचता है अगर उस ने यह बात किसी से शेयर करें तो लोग उसे पागल ना समझे। इसलिए वो यह बात किसी को नहीं बताता और कॉलेज से घर जाने का उस का मन ही नहीं हो रहा था और वह कॉलेज की कैंटीन में बैठा यही सब बातें सोच रहा था , तभी उस का फोन रिंग करता है ,और वह कॉल रिसीव कर के देखता है, कॉल उस के घर से आ रहा होता है ,और कॉल उठा कर बात करता है।

 उधर से उस की छोटी बहन प्रियांशी बोलती है - "नमस्ते भैया! कैसे हैं? आप कॉलेज से अपने रूम पहुंच गए या अभी भी कॉलेज में ही है?" 

 तो साहिल उसे कहता है - "अभी मैं कॉलेज में ही हूं !"

 तो वह पूछती है - "क्या हुआ भैया!" आज बहुत लेट कर दिया अभी तक अपने रूम वापस क्यों नहीं गए ? तो वह प्रियांशी से बोलता है बस मैं जाने ही वाला था क्या हुआ तुमने कॉल किया घर पर सब ठीक तो है।

 प्रियांशी बोलती है हां, सब ठीक है भैया बस मां को आपकी थोड़ी चिंता हो रही थी ।वह सुबह से आप से बात करना चाह रही थी। इसलिए मैंने कॉल किया साहिल बोलता है मेरी मां से बात करा दो। उस की मां फोन लेती हैं, और बोलती हैं साहिल बेटा तू ठीक तो है ना? तो साहिल उस पर बोलता है,- "हां मां मैं ठीक हूं। आप मेरी इतनी चिंता क्यों करती हैं मैंने आप से बोला तो है ,अगर मुझे कोई दिक्कत या परेशानी होगी मैं आपको खुद बता दूंगा वाह कहता है अब मां रखिए फोन। अब मैं कॉलेज से जा रहा हूं।" ओके - नमस्ते करके अपनी मां का फोन काट देता है।

 तब साहिल की मां को बड़ा अजीब लगता है ,और वह सोचने लगती हैं ,साहिल ने फोन क्यों काट दिया। इस से पहले तो कभी ऐसा नहीं करता । तो प्रियांशी बोलती है, अरे मां भैया को कोई काम होगा। इसलिए फोन काट दिया ,आप भी बेकार परेशान होती हैं ।

उधर साहिल रास्ते में सोचता है जब से मैं इस रूम में शिफ्ट हुआ हूं , तब से कुछ ना कुछ अजीब मेरे साथ हो रहा है ।और आज तो मेरा वापस उस रूम में जाने का मन ही नहीं कर रहा। लेकिन मेरे पास और कोई जगह भी तो नहीं है ।जो मैं इतनी जल्दी यहां से कहीं और जा सकूं ,वही सब सोचते हुए उस के घर के पास टैक्सी रूकती है । लेकिन साहिल का तो ध्यान ही कहीं और लगा रहता है। वह टैक्सी से उतरता नहीं, तो टैक्सी वाला बोलता है। क्या हुआ भैया कहीं और जाना है क्या ? या यही ठिकाना है। साहिल अपनी सोच में डूबा हुआ अचानक से बोलता है - "हां क्या हुआ भैया? तो टैक्सी ड्राइवर बोलता है - "भैया तुम्हारा घर आ गया उतरोगे नहीं क्या? या मेरे साथ मेरे घर चलने का इरादा है ।

इतना बोल कर टैक्सी ड्राइवर मुस्कुराने लगता है ,और साहिल जल्दी से टैक्सी से उतरकर पैसे देने लगता है ।और भारी कदमों से अपने घर की तरफ बढ़ता है ।





क्रमशः

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22 Comments

The story

14-Mar-2022 11:22 PM

खूबसूरत शुरुआत!

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Abhilasha sahay

08-Dec-2021 07:50 PM

Very beautiful 👌

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Fauzi kashaf

02-Dec-2021 10:37 AM

Good

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