लेखनी कहानी - आलमारी का भूत
आलमारी का भूत
गोंडल शहर में किराये के मकान में स्थायी हुए अनंत पेशे से शिक्षक हैं। अनंत स्कूल में काफी लोकप्रिय टीचर हैं। स्कूल में पढ़ाने के बाद वह बच्चों को अपने घर पर ट्यूशन भी पढ़ाते हैं।
खैर! अब तो उनकी शादी हो चुकी है, पर जब वह कुंवारे थे तब उन्हे अपने किराये के घर में एक बेहद भयानक अनुभव हुआ था।
एक शाम जब वह अपनी आराम कुर्सी पर बैठ कर सुस्ता रहे थे। तभी अचानक उनकी आलमारी का दरवाज़ा अपने आप धड़ाम से खुल गया। इस आवाज़ से वह चौंक गए। उन्हे काफी डर महसूस हुआ चूँकि उस शाम वहाँ कोई हवा नहीं चल रही थी। और घर पर तो वह अकेले ही रहते थे।
वह उठ कर आलमारी का दरवाज़ा फिर से बंद कर कुर्सी की और जाने लगे। तभी उन्हे महसूस हुआ की किसी नें उनका नाम पुकारा और वह आवाज़ उस आलमारी के अंदर से आ रही थी। इस भयानक घटना से अनंत बुरी तरह डर गए। उन्हे वहीं खड़े खड़े पसीने आने लगे। और वह बुरी तरह काँपने लगे।
डरते डरते उन्होने पीछे मुड़ कर देखा तो आलमारी का दरवाज़ा धीरे-धीरे हिल रहा था, जैसे की अंदर से उसे कोई धक्का दे रहा हो।
खौफ के मारे काँपते हुए अनंत थोड़ी देर वह अजीब नज़ारा देखते रहे। तभी अचानक आलमारी से गाढ़ा काला धुंवा बहार आने लगा। यह सब पारलौकिक घटनायेँ देख कर अनंत की चीख निकल गयी।
अनंत दौड़ कर घर के बहार आ गए। और सारी बातें अपने पड़ोसियों को बताने लगे।
अनंत के पड़ोसी उनके साथ घर में दाखिल हुए, और उन सब नें वहाँ जो भी देखा उसे देख कर सब के होश उड़ गए।
कमरे की छत पूरी तरह से काली पड़ चुकी थी…आलमारी के दोनों दरवाज़े उखड़े हुए थे और सारा सामान नीचे ज़मीन पर बिखरा हुआ था।
लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही वहां रखी आलामारी धड़ाम से जमीन पर आ गिरी।
अनंत के साथ-साथ अब सभी लोग इस भुतहा अनुभव से घबरा गए…और बाहर की तरफ भागे….कुछ लोगों को भागते-भागते एक चीख सुनाई दी…
चले जाओ सब…
पर किसी ने पीछे मुड़ कर देखने की हिम्मत नहीं की।
इस खौफनाक अनुभव के कारण अनंत बुरी तरह बीमार पड़ गये और कुछ दिन के लिए अपने गाँव पर अपने माता-पिता के पास लौट गये।
जब वो गोंडल वापस लौटे तो कभी उस घर में वापस नहीं गए और किसी और मोहल्ले में रहने लगे।
क्या थी इस खौफनाक घटना की वजह: मोहल्ले में रहने वाले बुजुर्गों से पता चला कि वो मकान अंग्रेजों के जमाने की बनी एक हवेली को तोड़कर बनाया गया था। कहते हैं कि उस हवेली का मालिक बहुत क्रूर इंसान था और एक बार उसने अपने नौकर को जला कर मार डाला था और उसकी अधजली लाश उस आलमारी में छिपा दी थी।
मकान मालिक ने कभी वो आलमारी प्रयोग नहीं की थी लेकिन अनंत राजनाथ के मांगने पर उन्होंने वो आलमारी उसे दे दी थी और शायद इसी कारण नौकर की आत्मा नाराज़ हो गयी और ये खौफनाक डरावनी घटना घट गयी।