लेखनी कहानी -पति में छुपा था खतरनाक पिशाच
पति में छुपा था खतरनाक पिशाच
मुझे पता है की कुछ लोग मेरी यह सच्ची कहानी पढ़ कर मुझे खुदगर्ज़ या बेवाफ़ा औरत समझेंगे पर मौत से तो सभी को डर लगता है ना,,, मैंने भी इसी लिए उन से अलग होने का फैसला किया था। मेरा नाम कल्पना मखेचा है। मै एक स्कूल में पढ़ाती हूँ। वैसे तो में एक गुजराती हूँ पर बचपन से ही फॅमिली के साथ बंगलुरु (Bangalore) मे रहती हूँ। कॉलेज खत्म होते हि मैंने नौकरी ढूंढ ली थी। पापा और माँ मेरे लिए लड़का ढूंढ रहे थे।
और में भी अच्छा रिश्ता आने पर हाँ कह देने वाली थी। तभी उन दिनों एक लड़के की नज़र मुझ पर पड़ी,,, शायद उसे मै अच्छी लगने लगी थी,,, रोज़ सुबह शाम वह मेरे जॉब करने की जगह पर मंडराने लगा,,, एक दिन मेरा दिमाग हट गया तो जा कर मैंने उसका कॉलर पकड़ लिया,,, और पूछा की क्या लफंगापंथी मचा रक्खी है,,,,? पुलिस बुलाउ क्या?
मेरा यह रूप देख कर उसके तो पसीने छूट गए,,, वह sorry,,, sorry बोलने लगा और मुझे जाने दो,,, आगे से तुम्हारे आस-पास नहीं दिखूँगा ऐसा बोल कर मिन्नते करने लगा। मैंने भी उसे जाने दिया। एक हफ्ते तक तो वह दिखा नहीं पर, फिर अचानक वह नज़र आने लगा। लेकिन अब वह काफी दूर खड़ा रह कर मुझे निहारता रहता,,, और में उसकी और देखू तो वह फौरन नज़रें घूमा लेता।
मुझे लगा की शायद वह काफी सीधा लड़का था,,, और दिखने मे भी ठीक ठाक था। तो मैंने फैसला किया की उस से बात करूँ। चूँकि मुझे नहीं लगता था की वह लड़का मुझे प्रपोज़ करने की हिम्मत कर पाएगा।
मुझे मालूम था की सामने से गयी तो वह डर कर भाग जाएगा, इस लिए मै चुपके से उसकी बाइक के पीछे जा कर खड़ी हो गयी,,, और उसके शोल्डर पर टैप किया,,, मुझे इतने करीब देख कर उसकी हवा टाइट हो गयी,,, वह फौरन बाइक स्टार्ट कर के भागने की कौशीस करने लगा।
मैंने फटाक से बाइक की चाबी निकाल ली,,, और उसे कहा की,,, इरादा क्या है? इस बार भी उसकी हालत पतली हो गयी,,, गभराये हुए गूंगे जानवर की तरह बूथ बन कर वह मेरे सामने कुछ देर खड़ा रहा। फिर फंबल मारते हुए धीरे से मुझसे बोला की,,, “आई लव यू”
सच कहूँ तो मेरी हसी छूट गयी,,, लड़का अच्छा था पर मुझे समज़ नहीं आ रहा था की वह इतना ज़्यादा क्यूँ काँप रहा है। मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे कहा की,,, गभराओ मत मै तुम्हें खा नहीं जाऊँगी। मुझे पता है की तुम मुझे पसंद करते हो इसी लिए मेरे आस-पास चक्कर काट रहे हो।
इस प्रकार की हरकतें करने से कुछ हासिल नहीं होगा। मै पसंद हूँ तो मेरे घर अपने पापा और माँ को रिश्ता ले कर भेज देना। अगर सब सही रहा तो मै भी हाँ कर दूँगी। इतना बोल कर मै वहाँ से घर की और चली गयी।
शाम के करीब पाँच बझे थे तभी अचानक मेरे घर की बैल बज उठी, मुझे यकीन नहीं हुआ, वह लड़का उसी दिन अपने पापा और माँ को ले कर मेरे घर आ धमका था। मैने जट-पट नए कपड़े पहने, माँ नें चाय नाश्ता तैयार किया और हमारी मीटिंग शुरू हो गयी।
उस लड़के की माँ नें कहा की,,,,
घर में पूरे दिन की काम वाली है, खाना पकाने के लिए कुक है, हम मोर्डेन फेमिली से है, और आप की बेटी अपना काम शादी के बाद भी जारी रख सकती है, शादी में हमें सिर्फ आप की बेटी चाहिए बाकी भगवान का दिया सब कुछ है, हमारा बेटा शराब सिगारेट पिता नहीं है, स्वभाव से शांत है कमाता अच्छा है, और मारपीट तो उनके पापा नें भी मुझसे कभी नहीं की तो यह क्या करेगा। आप को और भी कुछ पूछना है तो आप पूछ लीजिये।
मेरे पापा और माँ तो दंग रह गए,,, उन्होने मेरी और देखा,,, मैंने उन्हे फौरन हां कहने का इशारा दे दिया। उसी वक्त मेरी शादी पक्की हो गयी, और करीब दो महीने बाद मेरी शादी भी हो गयी।
सुहाग रात की सैज पर मै घूँगट ताने बैठ थी, तभी दरवाज़ा खुला और मेरा पति अंदर आया। मै शरम से लाल हो चुकी थी। तभी अचानक मेरे पति नें पीछे से मेरे बांधे हुए बाल घूँघट समेत खींचे और घसीट कर मुझे ज़मीन पर पटक दिया,,,
मै दर्द से कराह उठी,,, और मेरे रोंगटे खड़े हो गए,,, मैंने उसे कहा की यह सब क्या है,,,? ऐसा क्यूँ कर रहे हो?
उसने मेरी बात का एक जवाब नहीं दिया,,, और मुझे गले से पकड़ कर वापिस बेड पर पटक दिया,,, और फिर वह मुझे जानवरों की तरह घुर्राहट करते हुए नोंचने काटने लगा,,, मैंने उसे धक्का दे कर अपने से दूर किया,,, और बेड के कोने पर बैठ कर मै रोने लगी।
वह अब भी मेरी और अजीब नज़रों से देख रहा था,,, और बार बार अपनी ज़बान लब-लबा रहा था,,, जिसे की मै उसके लिए इन्सान नहीं उसके खाने की कोई वस्तु हूँ। मै खौफ में तो थी पर फिर भी, हिम्मत कर के मैंने उसे समझाने की कौशीस की,,, और रोते रोते उसे कहा की यह तुम्हारा प्यार है? इसी लिए दिन रात मेरे पीछे पड़े थे?
जब मै बोल रही थी तो उसकी नज़र मेरी गरदन पर थी,,, कुछ ही देर में उसने फिर से मुझ पर हमला कर दिया और, मेरी गरदन के पास अपनें दाँत गढ़ा दिये। मुझे इतना तेज़ दर्द हुआ की,,, मेरी मरण तौल चीख निकल गयी,,,
कुछ ही देर में घर के सब लोग दरवाज़ा तौड कर हमारे कमरे में आ गए। मै दौड़ कर उन सब के पास गयी। मेरी हालत देख कर सब नें मेरे पति को खूब डांटा। देखते ही देखते मेरा पति ज़मीन पर धड़ाम से गिर पड़ा। उसी रात मेरे पापा और माँ को वहाँ बुलाया गया,,, और शादी की पहेली ही रात मै अपनें घर वापिस आ गयी।
मेरे ससुराल वालों नें मेरे पति पर पिशाच का साया पड़ जाने का हवाला दिया। और उन्होने कहा की इस के पहले उसने कभी भी ऐसी हरकत किसी के साथ नहीं की थी। यह सब पहली बार हुआ था। सच जो भी हो,,, मेरे लिए शादी एक खौफ बन चुकी थी,,, मेरे पापा-और-माँ नें उन सब से हाथ जौड कर कहा की,,, हम पुलिस में नहीं जाना चाहते,,, आप इज्ज़त से इन दोनों का तलाक करवा दीजिये।
ना चाहते हुए भी उन्हे हमारी बात माननी ही पड़ी, मुझे पता नहीं है की मेरे पति पर पिशाच का साया है या उन्हे कोई दिमागी बीमारी,,, उन्हे यह तकलीफ उसी रात हुई थी या उसके पहले भी वह ऐसा वहशी बर्ताव कर चुके थे। उन लोगों की सच्चाई वह लोग जाने और भगवान जाने,,,
लेकिन उस भयानक हमले के बाद, मै चाह कर भी उस इन्सान के साथ रह नहीं सकती थी। चूँकि पूरी जिंदगी डर के साये में बिताने से अच्छा है की रास्ते अलग कर लिए जाए। अब शादी के बंधन में धुबारा बंधने को जी नहीं करता है – क्या पता शरीफ और सीधा दिखने वाला जीवन साथी अंदर से दरिंदा या बीमार निकल आए।