Sapna shah

Add To collaction

आँचल

🌹🌹🌹🌹🌹ममता का आँचल 🌹🌹🌹🌹🌹



माँ के आँचल में बीता बचपन हमारा 
जिन्दगी की हकीकत से अंजान था दिल हमारा 

जब भी कोई गम होता 
माँ के आँचल में छिप जाता 
लाड दुलार से जैसे 
दिल का हर दर्द कहीं गुम हो जाता 

धूप में खुद खडी होकर 
आँचल में हमें छुपाती थी 
भूखे पेट खुद सो कर 
हमें खाना खिलाती थी 

ममता का आँचल हाथों से छूट गया 
हम बडे क्या हुए ,बचपन हमारा छीन गया 

सबक जिन्दगी का जिसने हसते हसते सीखाया 
दिल के दर्द को कभी चेहरे पर ना दिखाया 

इन्सान के रूप में मानों वो कोइ फरिश्ता थी ...
हजारों मन्नतों से भी सबको ऐसी माँ नसीब कहा होती?.....



🌹🌹🌹🌹🌹 सपना 🌹🌹🌹🌹🌹

   7
8 Comments

Anju Dixit

25-Sep-2021 08:16 AM

बहुत सुंदर

Reply

Sapna shah

25-Sep-2021 09:06 AM

Thank u

Reply

Renu Singh"Radhe "

25-Sep-2021 07:19 AM

बहुत खूब

Reply

Sapna shah

25-Sep-2021 09:06 AM

Thank u

Reply

Seema Priyadarshini sahay

25-Sep-2021 01:34 AM

वाह सर

Reply

Sapna shah

25-Sep-2021 09:06 AM

Ma'am here ...thank u 😘

Reply