Ramsewak gupta

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गजल

बुरे खयालातों को दफनाने में न कोई ईंट गारा लगता है

सही को सही ग़लत को ग़लत ठहराने में अब डर लगता है
विश्व समुदाय को ठेंगा दिखाकर आतंकी सरकार बन गई
लूट खसोट अराजकता से महिलाओं काअब  दम घुटता है
सही को सही-------१
सत्तासीन आताताई क्या जनता का भला करेंगे कभी
सांप को दूध पिलाने से क्या नफा वो डंसने का मन करता है
सही को सही--------२
**सेवक** भले मानुष का अब तो जीना हो गया दूभर
ओढ़ के चादर खामोशी की घर से निकलना पड़ता है
सही को सही-------------३
**रामसेवक गुप्ता**

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4 Comments

Aliya khan

01-Oct-2021 01:22 AM

Sundar rachana

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

29-Sep-2021 08:30 PM

Wah

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Miss Lipsa

27-Sep-2021 06:33 PM

Wow

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