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दुआ

दुआ

हम शीश झुकाते हैं भगवन,
करबद्ध शरण में आए प्रभु।
भटकें न कभी राहें अपनी,
ये वंदन करने आए प्रभु।

तेरी कृपा सरिता निश्छल,
भूधर से तेरा नूर झरे। 
प्रसून सुगन्धित पवन बहे,
हम कुसुमित होने आए प्रभु।

सूरज की तेज तपिश में तू,
शीतलता शशि के साथ रहे।
बारिश की टप-टप बूँदों में,
मन अंतर धोने आए प्रभु।

गिरधर की अधर मुरलिया में,
राधा की छम-छम पायल में।
मंदिर की स्तवन घण्टी में,
श्री शंख बजाने आए प्रभु।

स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान) 

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6 Comments

Gunjan Kamal

20-Jun-2023 07:34 AM

👏👌

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Punam verma

10-Jun-2023 08:48 AM

Very nice

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लाजवाब लाजवाब

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