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दुआ हम शीश झुकाते हैं भगवन, करबद्ध शरण में आए प्रभु। भटकें न कभी राहें अपनी, ये वंदन करने आए प्रभु। तेरी कृपा सरिता निश्छल, भूधर से तेरा नूर झरे। प्रसून ...