विश्वास
                
                                  
                        
                     
                 
              
                
                  मैं तो इस दुनिया से अंजान थी
बस अपने में मगन थी।
ना किसी के आने की खुशी
ना किसी के जाने का गम 
बस खुद पर विश्वास और अपने लक्ष्य को पाने की चाह में थी।
जिंदगी में ऐसा मोड़ आया 
ना जाने खुदा ने क्यों तुमसे मिलाया 
इस दिल में इश्क के लिए नहीं थी कोई जगह 
मुझे विश्वास था खुद पर कि ये इश्क नहीं होगा मुझसे।
ना जाने तुमसे मिलकर फिर क्यों अच्छा लगने लगा।
धीरे-धीरे इश्क भी होने लगा।
जैसे मानों बंजर भूमि में बीज निकलने लगा।
मेरा विश्वास मुझ पर से टूटने लगा।
                
               
           
             
                            
        
          
                              
                  
Angela
06-Oct-2021 09:15 AM
Beautiful✨
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